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वो कल की बातें-कहाँ खो गए हैं

Samar Singh 23 Jun 2023 गीत दुःखद हालात हर समय एक जैसा नहीं रहता, समय का चक्र कब कैसे घूम जाए, किसी को पता नहीं। 2251 0 Hindi :: हिंदी

वो कल की बातें, 
और आज की ये बात, 
कहाँ खो गए हैं। 
वो कल की हालातें, 
और आज की ये हालात, 
कैसे ये हो गए हैं।। 

एक- एक लमहा सदी की तरह, 
न बीते ये कैसी जिंदगानी है। 
हर पल यादों की एक बगावत सी, 
बवंडर लिए आँखों में बसी पानी है।
रह- रह के रूठ जाए सपने, 
ये कैसी अपनी कहानी है।। 
वो कल की रातें, 
और ये आज की रात, 
अँधेरे में सो गए हैं। 
वो कल की बातें.................।। 

राहों में बिखरे फूल कैसे काँटे बन गए, 
मेरी तकदीर से जाने कैसे संग्राम ठन गए। 
क्यों याद लेके आती है मेरी एक- एक साँस, 
हर जगह बिखरे है सपने, दिलाती है एहसास। 
वो कल की बरसातें, 
और आज की ये बरसात, 
जाने कैसे सूखे हो गए। 
वो कल की बातें......................।। 

रचनाकार- समर सिंह " समर सिंह " समीर G "

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