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जिंदगी जीने की मेरी ख्वाहिश थी,

Neetesh Shakya 22 Feb 2024 शायरी प्यार-महोब्बत Gazal, gajal,प्यार भरी शायरी, neetesh shakya,neetesh, kumar, hindi gazal 3533 0 Hindi :: हिंदी

जिंदगी जीने की मेरी ख्वाहिश थी, 
अपने छोड़कर गैरों पर चाहत थी|
गैरों के चक्कर में अपनों को भूला बैठे,
जब अपनों ने दिया सहारा तब गैर रूला बैठे||1||

जिंदगी का सफर अधूरा ना हो,
बेवफा का इश्क पूरा ना हो|
आशिकी के खेल मैं ए-दोस्त,
कोई वे सहारा ना हो||2||

हमसे मोहब्बत सीख कर किसी और पर अंजवाते हो |
जिस तरीके से हमें सताया है क्या उसे भी सताते हो ||3||

ढाई अक्षर सीखकर तुम महान बनते हो|
तुम्हें पता नहीं इस दंदल का,
अंदर घुस के नहीं निकलते हो||4||

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