संदीप कुमार सिंह 28 May 2023 आलेख समाजिक मेरा यह आलेख समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 7096 0 Hindi :: हिंदी
जिन्दगी जीने की कला आना चाहिए पहले। फिर तो जिन्दगी का संपूर्ण मजा को कोई भी प्राप्त कर सकता है। जिन्दगी भगवान की दी हुई अति अनमोल देन है। इसलिए इस अनमोल देन को बहुत ही सावधानी पूर्वक संभाल कर चलना चाहिए। तभी जिन्दगी और आपके एहसासों में एक सुखद तालमेल स्थापित होता है। किसी भी परिवेश को भांपना एवं उस परिवेश को अच्छी तरह समझ कर और उसके अनुकूल खुद को ढाल कर गर आप चलते है तो आप _हम या कोई भी जिन्दगी जीने का पूरा मज़ा उठा सकता है। क्योंकि यहां माया का बहुत बड़ा साम्राज्य है।यदि आप माया के जाल में फसते हैं तो इस मायावी संसार की माया में उलझ कर ही अपना किमती समय गंवा देंगें। इसलिए माया के जाल से खुद को बचाते हुए अपने जिन्दगी की तमन्नाओं को अमली जामा पहनाना चाहिए। अपने आप को नकारात्मक विचारों से दूर रह कर सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ना चाहिए।एक उत्साही मन के साथ नए _नए ख्वाबों के साथ सादगी का लिबास पहने निःसंकोच भाव से अपने कार्यों को सफल करना चाहिए। वाणी में मधुरता से ओतप्रोत अल्फाजों का बास होना चाहिए। हमें अपने जिन्दगी को भी देवी माँ की तरह समझना चाहिए। जिन्दगी को खुश रखने का भरसक प्रयास करते रहना चाहिए। ताकि खुद का जिंदगी के साथ सही सामंजस्य स्थापित हो सके। और आपको मन वांछित फल प्राप हो सके। तभी तो जिन्दगी आपको हसीन लगेगी। जीने का भरपूर मजा आयेगा। तथा धरा रूपी स्वर्ग की सुन्दरता देखने हेतु मन बार_बार यहां आने के लिए प्रेरित करता रहे। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....