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वतन के रहवासी नए तारे-तुझसे जुड़े जितने बीते साले

Shivani singh 30 Jul 2023 गीत देश-प्रेम 5725 0 Hindi :: हिंदी

वतन के रहवासी नए तारे,
तुझसे जुड़े जितने बीते साले।
धरती बोली, स्वतंत्रता दिलाई,
लहू दी दीवारों ने आज बनाई॥

भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव,
वीर शहीदों का तुम बलिदानी देव।
अब तक जगती में रहते हो जीवित,
महान यादें हैं तुम्हारे तुम जीवित॥

वतन की ख़ातिर थे तुम त्यागी,
सपनों की बस्ती में बन गए राजी।
जिनके बलिदान से हुई थी आजादी,
उनके ही हाथों में आयी तुम्हारी बदाई॥

भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव,
वीर शहीदों का तुम बलिदानी देव।
अब तक जगती में रहते हो जीवित,
महान यादें हैं तुम्हारे तुम जीवित॥

जिन्होंने लहू दिया, अपना सब कुछ थामकर,
मिटाई बैरों की, आजादी के सपने सजाकर।
उन वीरों की बलिदानी यादों में तुम रहते हो,
उनका नाम सुनकर, हमेशा हृदय में बसते हो॥

भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव,
वीर शहीदों का तुम बलिदानी देव।
अब तक जगती में रहते हो जीवित,
महान यादें हैं तुम्हारे तुम जीवित॥

वतन के रहवासी नए तारे,
तुझसे जुड़े जितने बीते साले।
धरती बोली, स्वतंत्रता दिलाई,
लहू दी दीवारों ने आज बनाई॥

भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव,
वीर शहीदों का तुम बलिदानी देव।
अब तक जगती में रहते हो जीवित,
महान यादें हैं तुम्हारे तुम जीवित॥

भारत माता की जय!

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