Pradeep Kumar Maurya 30 Mar 2023 शायरी समाजिक 25188 0 Hindi :: हिंदी
सुबह का अरण हूँ मैं , भूखे का भरण हूँ मैं, दुश्मन को भी माफ करने वाला, आज का करण हूँ मैं, शायरी- प्रदीप
Login to post a comment!
...