Mohammed fejaan 30 Mar 2023 शायरी समाजिक गूगल 32942 0 Hindi :: हिंदी
दिनांकित- 26-11-2022 शतवार शाईरी नम्बर- 29 शाईरी- कांटे तो अपने हो चुबाते है? शायार लेख-मोहम्म वैज्ञान सिद्दिकी पिता रईस अहमद सिद्धिकी हमारे रास्ते में कांटे अनेक बिछादिए गए बिस्तर कि तरह अरे हमारे रास्ते में कांटे अनेक बिछादिए गए बिस्तर कि तरह लेकिन हम चुपचाप निकल गए अपने सफर पर लेकिन दुश्मनों हमारे खिलाफ साजिस सूरू कर दि लेकिन हमें उठाने को और हम उसे भी सेते रहें और एक दिन ऐसा भी आईया जिस पैसे के लिए वो मुझे मुँह भी नहीं लगाते हैं यें। लेकिन अब अल्लाह के करम से अब मे आगे-आगे और वो पिछे किए हैं
I, am Mohammed fejaan my father name rais ahamad or my mathar name vasila and supar laif........