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ऐ गुलबदन- यूं न इतरा के जाओ

संदीप कुमार सिंह 13 Jun 2023 शायरी प्यार-महोब्बत गुलबदन पर हसीन शायरी 7203 0 Hindi :: हिंदी

ऐ गुलबदन यूं न इतरा के जाओ,
एक निगाह अपने आशिक पर डाल।
इतना तूं जान ले जाने मन,
तूं मेरे ही साथ रहोगी खुशहाल।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
बिहार

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