Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

हवस का भूखा इंसान

DINESH KUMAR KEER 08 May 2023 आलेख दुःखद 8121 0 Hindi :: हिंदी

एक सामान्य स्वप्न ले कर जीने वाली लड़की।
एक मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी जिसने अभी जीना शुरू भी नहीं किया था कि जला कर मार दी गयी। क्यों ? क्योंकि किसी राक्षस का दिल आ गया था उसपर !
उसे बीवी बना कर अपनी झोपड़ी में ले जाना चाहता था। एक पढ़ी लिखी लड़की किसी जाहिल से विवाह का प्रस्ताव क्यों स्वीकार करती ? सो मना कर दिया।
राक्षस को चुभ गयी बात |
वही बर्बर घटिया सोच ! जो पसन्द आ गयी वह मेरी है। सभी राक्षसों को क्या, यही तो सिखाया जाता है? किसी मासूम की इतनी औकात कि वह किसी राक्षस की बात काट दे ? राक्षस घर में घुसा, पेट्रोल गिराया और जला दिया.....
लड़की स्वयं दौड़ कर आंगन में आई, बाल्टी से पानी लेकर अपने ऊपर उड़ेला... अठारह वर्ष की बच्ची की जीने की लालसा !
इस छोटी आयु में मरना कौन चाहता है ? अस्पताल में वह हर मिलने वाले से एक ही बात पूछती थी- "मैं बच तो जाऊंगी न ?" पर नहीं बची। नब्बे फीसदी जल गई थी, कैसे बचती ? जीवित जला दी गयी लड़की की पीड़ा कोई नहीं समझ सकता ।
कितना तड़पी होगी... और उसके तड़पने से कितना खुश हुआ होगा राक्षस ! इसी लिए तो जलाया था। कहता था- मेरी न हुई तो तड़पा कर मारूंगा!
कोई नेता, पत्रकार उससे मिलने अस्पताल नहीं गया। क्यों जाता ? राजनीति योग्य मुद्दा नहीं था न ! मर गयी तो मर गयी... यह राजनीति और पत्रकारिता की संवेदना का स्तर है।
आप सोच कर देखिये, राक्षस भी तो जानता होगा कि इसके बाद पकड़ा जाएगा और जीवन जेल में सड़ते हुए कट जाएगी। पर नहीं! वह यह भी जानता है कि उसके मुद्दे पर न कोई नेता विरोध करेगा, न किसी टीवी चैनल पर डिबेट होगा। उसको बचाने के लिए फंडिंग होगी और सम्भव है कि कुछ वर्षों में वह जेल से बाहर आ कर सुखी जीवन जीने लगे। इस संसार में ऐसा होता रहा है।
राक्षस मासूम के पीछे बहुत दिनों से पड़ा था। वह कई बार उसके घर जा कर धमका चुका था।
हर बार राक्षस के पिता उसे समझाने का प्रयास करते और छोड़ देते। यकीन कीजिये, उसके पिता की इसी अति -सहिष्णुता ने मासूम की जान ली।
यदि वह पिता उसी समय पुलिस के पास जाता, राजनैतिक संगठनों के पास जाता, तो सम्भव था कि आज लड़की जी रही होती। पर किसी भी तरह चुपचाप मामले को सुलटा लेने के भाव ने मासूम को मार दिया।
यह कठोर सच है कि हमारे संसार में बेटियों से जुड़े मामले में इस तरह की निर्लज्ज चुप्पी आम है।
आने वाला कल कई चुनौती पूर्ण आ रहा हैं जिसमें अनेक........

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

किसी भी व्यक्ति को जिंदगी में खुशहाल रहना है तो अपनी नजरिया , विचार व्यव्हार को बदलना जरुरी है ! जैसे -धर्य , नजरिया ,सहनशीलता ,ईमानदारी read more >>
Join Us: