Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

तुम्हारा राहों पे चलते- चलते बार बार पीछे मुड़ना

Samar Singh 10 Jun 2023 गीत प्यार-महोब्बत उनके मुहब्बत के इशारे भी गजब थे, हर एक अदा कयामत थी। 5830 0 Hindi :: हिंदी

तुम्हारा राहों पे चलते- चलते, 
बार- बार पीछे मुड़ना। 
तुम्हारा नजरे बचाकर मिलाना, 
मिलाकर नजरों को झुकाना। 

यह अदा एक भयंकर कयामत है, 
इस पर नहीं बचा कोई सलामत है। 
फिर हमारी क्या हालत है,
हाँ यही तो मुहब्बत करने की आदत है।। 

ये तेरी धीमी चाल, 
देख सबका हो जाता बुरा हाल। 
तेरी जुल्फों का लहराना, 
एक पल में सबको दिवाना बनाना। 
चलते- चलते तेरा ये चंचल, 
दुपट्टे का पीछे उड़ना। 
तुम्हारा राहों......................।। 

ये सादगी भी जानलेवा, 
दास्तां बयां क्या करूँ देवा। 
जीते जी मर जाए देखने वाले, 
नजर नहीं झुकती, ये तेरे हवाले। 
तुम्हारा  चलते- चलते
पैरों की पायल बनाने के लिए रुकना। 
तुम्हारा राहों.....................।। 

रचनाकार - समर सिंह " समीर G''

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

ये खुदा बता तूने क्या सितम कर दिया मेरे दिल को तूने किसी के बस मैं कर दिया वो रहा तो नहीं एक पल भी आकर टुकडें- टुकड़ें कर दिये ना विश्वा read more >>
Join Us: