बहुत बधाई देता हूं ,
अपनों को इस त्यौहार की।
बहुत बधाई देता हूं ,
जीवित है जो संस्कार की।
हर घर हर परिवार में,
दीपों की जलती थाल रहे।
हर व्यक्ति को मिले छत,
पक्षी के लिए यहां डाल रहे।
अपनों में सदा रहे एकता,
आपस मे सबमें प्यार रहे।
जनम जनम तक दीपों वाला,
अपना ये त्यौहार रहे।।
भारत की ऐसी हैं माटी,
जिसमें एक ही प्यार है।
अपने घर परिवारों में,
त्यौहारों की बौछार है।
कभी दिवाली कभी होली,
कभी ईद का जश्न मनाते है।
जाते है कभी वैष्णुदेवी,
कभी हाजी अली हो आते है।
जिनके कारण जीवित है,
हिन्दू मुस्लिम का प्यार सदा।
जिनके कारण जीवित है,
अपना हर एक त्यौहार सदा।
जिनके कारण माँ भारती का,
बचा अभी तक अक्स है।
जिनके कारण मै हूँ आप है,
देश का बचा हर शख्स है।
आज के दिन उन भारत के ,
वीरो का कर्ज चुकाना है।
एक दिया तो हर परिवार से,
देश के नाम जलाना है।।
[इस दीपावली एक दिया उन शहीदों के नाम जो हमारे लिए अपने जीवन का दीप बुझा गए।]
🙏🙏शुभ दीपावली🙏🙏
……………………………………….
रोहित भट्ट, गरूड़, बागेश्वर, उत्तराखंड।