DIGVIJAY NATH DUBEY 08 Apr 2024 आलेख राजनितिक #loksabhaelection2024#viralpoem 2136 0 Hindi :: हिंदी
दिन कोने में सिमट रहा है रात भी डर से कांप रही है जब से बिगुल बजा चुनाव का सारी दिशाएं भाग रही हैं कितने झूठ आयेंगे कितने झूठ जायेंगे गड़ी पुरानी यादें फिर से आज परोसी जाएंगी नए नए चेहरे आयेंगे पर कुछ वही पुराने होंगे पांच साल कुछ क्या नही अब और पांच साल मांगते होंगे