DINESH KUMAR KEER 05 Mar 2024 शायरी देश-प्रेम 1853 0 Hindi :: हिंदी
कांटों के बीच में रहकर भी मुस्कुराने की कला लाख तूफ़ान आए पर भी महकने की कला धूप में तपने के बाद रंगत बनाए रखने की कला हर परिस्थिति में जीने की कला हमें गुलाब से सीखना चाहिए -दिनेश कुमार कीर