Poonam Mishra 19 Jun 2023 आलेख समाजिक खुल कर बोलिए 5228 0 Hindi :: हिंदी
तुम इतना डर डर कर क्यों बोलते हो बोलने से पहले इतना क्यों सोचते हो बोलो खुलकर बोलो अपनी मन की बात खुल कर कहो जो डर डर कर जीने से सोच सोच कर बोले थे जीवन बंजर हो जाएगा जीवन को खुशहाल बनाने के लिए जो भी मन में है खुल कर बोलो खुल कर जियो जिंदगी एक बार ही मिलती है बार-बार नहीं मिलती इसलिए अपने मन की व्यथा को मन में मत ही रखो तो अच्छा होगा ऐसा क्यों लगता है कि जब हम कुछ बोलेंगे तो लोग क्या सोचेंगे लोगों का क्या है हम बोलेंगे तो भी सोचेंगे और हम ना बोलेंगे तो भी सोचेंगे उन्हें तो बस कुछ न कुछ बोलने और सोचने का मौका चाहिए तुम अपने जीवन को इस तरह से शांत करके मत गुजारो कुछ बोलो कुछ कहो अपनी मन की कुछ कह लो कुछ सुन लो