संदीप कुमार सिंह 24 May 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6499 0 Hindi :: हिंदी
धीरे धीरे ही सही, आओ मेरे पास। मुझको बहु दरकार है, पूरी कर दे आस।। पूरी कर दे आस,खुशी जीवन में भर दे। पा लूं मंजिल खास,गुनाहों से अब डर दे।। कहते कवि संदीप,बने हमसब सम हीरे। फिर होगा अति मूल्य,मिले यश धीरे धीरे।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....