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मां - हरवंश हृदय

हरवंश हृदय 12 May 2024 आलेख समाजिक #मां #हरवंश हृदय #मां और महाकाल 520 0 Hindi :: हिंदी

🎍🎍💞🎍🎍

है मेरी जान मेरी मां, मेरा अरमान मेरी मां
मैं उसकी आंख का तारा, मेरी पहचान मेरी मां
रहे होंगे शायद नेक कुछ पहले करम मेरे
बख्शा है खुदाया ने मेरा ईनाम मेरी मां
    
                -.....✍️ हरवंश हृदय

       मां, इस एक शब्द में सारी कायनात समाई है । विविध भौतिक तापों की तपिश में अगर कोई सर्वाधिक शुकून की जगह है तो वो है मां का आंचल, मां की गोद । पारिवारिक सामाजिक बोझ तले दिन भर की थकान से चूर जब सांझ ढले घर की गली की ओर मुड़ता हूं तो दूर से बालकनी में बैठी मां के चेहरे को देखकर बोध होता है कि केवल वो ही है जो बिना किसी आकांक्षा के अपलक मेरी राह निहार रही है । बच्चे दौड़ पड़ते हैं पापा क्या लाये हो..... पत्नी का अघोषित प्रश्न कि कितना कमाए हो ...... पिता ने पूछ लिया किस किस से मिलकर आए हो .... पर मां ...  मां ने हमेशा माथा चूमकर पूछा.. मेरे बेटे क्या खाए हो ...!!
क्यों नहीं हैं तुम्हारी कोई इच्छाएं ... क्यों नहीं मांगती हो मुझसे कुछ .... और जब मांगती भी हो तो वो जो मुझे चाहिए होता है .... कैसे जान लेती हो मां कि मुझे कोई गम है , तकलीफ है, परेशान हूं मैं और एक जादू की तरह मुझे अपने सीने से लगाकर पल भर में मुक्त कर देती हो मेरे मन को तमाम झंझावातों से ...
 मां .... तुम कोई जादू जानती हो ... सच्ची...!!
 मां ... कैसे कर लेती हो तुम ये सब ...
इतना परिवर्तन हुआ ... सब कुछ बदला .. घर बदल गया ... शहर बदल गया ... नजर बदल गई, नजरिया बदल गया... पर मां तुम नहीं बदली ... आज भी वही सोच ... मेरे पैर की छोटी सी मोच विचलित कर देती है तुम्हें .... तुम्हारे आंचल से निकलकर आज एक वृहद वृक्ष हो गया हूं मैं ... लेकिन क्यूं दुलार करती है तू मुझे एक सुकोमल पौधे की तरह .. और ये अजूबा ही है कि तेरी छुअन से मुझे ऐसा लगता भी है कि मैं आज भी एक सुकोमल पौधा ही हूं ....
    मैं जब जब टूटा हूं .. जब बिखरा हूं 
    तेरी गोद में सिमटकर ही निखरा हूं 
मां .... तुम वरदान हो मेरे लिए ....

मेरे इस जीवन में दो ही कमाल हैं
एक मेरी मां है और दूजा महाकाल हैं

        -.....✍️ हरवंश हृदय 
                      बांदा
           9451091578

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