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अपनी अपनी धारणा-अपनी अपनी राग

संदीप कुमार सिंह 08 Jun 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5879 0 Hindi :: हिंदी

अपनी अपनी धारणा,से चलते हैं लोग।
चाहत को जो जन रखे,करते हैं सब भोग।।

अपनी अपनी धारणा, अपनी अपनी राग।
 समझे जो सब मर्म को,पाते हैं अनुराग।।

अपनी अपनी धारणा,रखें हृदय उदगार।
मिले खुशी तब आपको, जीवन भर हो प्यार।।

अपनी अपनी धारणा,वैसी ही हो कांति।
रहे सितारे दृढ़ सदा,झिलमिल रहती शांति।।

अपनी अपनी धारणा, अपनी अपनी चाल।
वैसा ही परिणाम हो,वैसा ही हो काल।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
बिहार

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