Pinky Kumar 30 Mar 2023 आलेख अन्य 86645 0 Hindi :: हिंदी
जैसा की हम जानते है। की भारत विश्व भारत में अनेक धर्मों के नाम से जाना जाता है। भारत अपने इतिहास के लिये पूरे विश्वभर में विख्यात है। यहाँ विभिन्न धर्म के लोग निवास करते एक दुसरे धर्मों का मान समान करना एक दुसरे त्योहारो को मनाना एक परम्परासी लगती है। सबके दुःख सुख में एक दुसरे का साथ- देना यहाँ के भाई चारे को दर्शाता है। पर आज परिस्थिया अलग है। जिस प्रकार कुछ राजनेताऔ ने अपनी वोंट बैंक की राजनिती करने के लिये एक दुसरे धर्मों को लड़वाया जा रहाँ है। और जनता अन्धि होकर एक दुसरे को मारने में लगी है। हमारें संविधान ऐसा कोई नियम नहीं है। को जो जिस धर्म का वो उसी धर्म को माने बल्की सब को अपनी इच्छा अनुसार कोई भी धर्म मानने का अधिकार है। हमारे देश में तो धर्म परिवर्तन करने का अधिकार है। तो यह नियम कहाँ से आगया की एक दुसरे धर्म को मान नहीं सकते आखिर क्यों एक धर्म को दुसरे धर्म से लड़वाया जा रहा है। और जनता क्यों नहीं समझती का राजनेताओं का काम ही राजनिती करना क्यों एक दुसरे से लड़े जा रहे किसी भी धर्म में नहीं लिखा कि कोई अन्य धर्म को नहीं मान सकते धर्म से ज्यादा इंसानियत का धर्म पहले है। मुस्लाम का भी खुन लाल है हन्दु का भी खून लाल है। तो कहाँ से यह नियम आगया की जो जिस धर्म का है। उस ही धर्म को माने कुछ संघठन भी ऐसे बन गये की अपनी पब्लिक सिटी पाने के लिये अगर किसी को मारना भी पड़ तो मारते है। सही कहना है। की इस धरती का सबसे बड़ा कोई दुश्म है तो वो है। इंसान इंसानित मर चुकी है लोगों में हेवान बन चुके है। एक दुसरे को देखना भी पंसद नहीं करते अरे विरोध ही करना है।पब्लीसिटी पानी है। तो अच्छे काम करो देश में जो वास्तुविक जो समस्याएं जैसे बढ़ती बेरोजगारी, मंहगाई, बलात्कार, शोषण, आत्महताये, आतंकवाद स्वास्थय समस्याये अशिक्षा भूख मरी आदि अनेक समस्याओं से सरकार जनता को गुमराह कर रहीं है। जनता को एक दुसरे से लड़वाते रहना राजनेताओं को काम हैं। और कुछ भी नहीं परिस्थियों को समझे परखे धर्म से पहले इंसानियत का धर्म सर्वोपरि है। देश पहले है।
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