Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

लहर खुशी की खूब-माँ धनदा स्व आ गई,चढ़े पान फल दूब

संदीप कुमार सिंह 25 May 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 7430 0 Hindi :: हिंदी

धरा वसन्ती हो गई,लहर खुशी की खूब।
माँ धनदा स्व आ गई,चढ़े पान  फल  दूब।।

धरा वसन्ती हो गई,घर घर में है हर्ष।
पूजा मय आँगन लगे,प्राण करे उत्कर्ष।।

धरा वसन्ती हो गई,पंचम तिथि है खास।
आई हैं माँ शारदे,सबको है उल्लास।।

धरा वसन्ती हो गई,लगती है अरु धाम।
खुशियाँ छाई आज है,रुके नहीं अब काम।।

धरा वसन्ती हो गई,रौनक मय परिवार।
निकले बोली अब मधुर,सबको सबसे प्यार।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
बिहार

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

ये खुदा बता तूने क्या सितम कर दिया मेरे दिल को तूने किसी के बस मैं कर दिया वो रहा तो नहीं एक पल भी आकर टुकडें- टुकड़ें कर दिये ना विश्वा read more >>
Join Us: