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केवल खुशियां ही मिले जीवन हो गुलजार

संदीप कुमार सिंह 25 May 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6305 0 Hindi :: हिंदी

केवल खुशियां ही मिले, जीवन हो गुलजार।
व्यर्थ नहीं जाता कभी,अच्छी सोच विचार।।
अच्छी सोच विचार,वरदान लगता हमको।
मन में रहता ज्योत, दिखाऊँ दुनिया सबको।।
फिर पाता हूं वाह,रहूं बनकर मैं देवल।
करता धर्म प्रचार,भक्ति सबमें हो केवल।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
बिहार

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