Vikky Verma 14 Jun 2023 शायरी समाजिक हिंदी कविता,हिंदी शायरी, भजन, 6062 0 Hindi :: हिंदी
ना किसी से उम्मीद ना किसी से लगाव, ना किसी से नफरत ना किसी से चाव। अब मुझे सेल्फिश कहो या मेरा गुरूर, हां ऐसा ही है दोस्त मेरा बदला स्वभाव।।
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