Sachin 24 Apr 2023 शायरी प्यार-महोब्बत तराशना चाहा पर तराश ना पाये 10453 0 Hindi :: हिंदी
तराशना चाहा पर तराश ना पाये, हम मोहब्बत इस एहसास को चंद अल्फाजों में दाल ना पाये l खैर गम नही हमे नाकाम होने का, जो इस ख्वाब को हम रेत के तरह मुट्ठी में फांस न पाए l जितना जाना उतना कम सा लगा, हमें मोहब्बत की हर कहानी में कुछ नया सा मिला l किसी को एक तरफा निभाते खुश देखा, तो किसी को साथ होकर भी ना खुश देखा l किसी की मौत के बाद भी उसे किसी के एहसासो मे पाया, तो किसी को मैंने जिंदा लाश सा पाया .. किसी को उसके नाम महफ़िल में नज्म पढ़ते देखा l तो किसी को मैंने दफ़न होते देखा किसी मुकम्मल किस्से में भी अधूरा सा दिखा, तो किसी अधूरे किस्से को भी मैंने मुकम्मल देखा. मैंने मोहब्बत को किसी के आँखों का ख्वाब देखा l तो मैंने मोहब्बत को किसी के निगाओ में आया सैलाब देखा किसी के बेरंग जिंदगी को रंगों से लिपटते देखा, तो किसी की जिंदगी से रंगों को मैंने रिश्ता तोड़ते देखा l मैंने हर निगाहों में, ...मोहब्बत को एक नए नज़र से देखा मैंने मोहब्बत को एक नए नज़र से देखा l By : Radhepriyesachin