Raj Ashok 19 Jan 2024 गीत धार्मिक शाम ढली 7174 0 Hindi :: हिंदी
तेरे भक्तों से क्या ,अब कहना होगा। शाम ढली है।। तेरे भक्तों से क्या ,अब कहना होगा दुर चली है। । ज्योत जगा ने का अब मन हो रहा है ।। मन्दिर संजाने का अब मन हो रहा है।। तुझे फिर से बुलाने अब मन हो रहा है।। एक ऊमीद जंगी है।। तेरे भक्तो से........... प्रीत की सुगंध मे मन खो रहा है। । शौर घडकन मे अब बहूत हो रहा है।। इस बेचैनी को सम्भाले तो कैसे।। दिल से बोल चली