संदीप कुमार सिंह 27 May 2023 आलेख समाजिक मेरा यह आलेख समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4328 0 Hindi :: हिंदी
अरमानों का सैलाब आ रहा है सतत जिनके हृदय मन मस्तिष्क में। उनको इन सैलाबों का पुरजोर स्वागत करना चाहिए। गर अरमान ही नहीं रहेगा तो कुछ करने या न करने का सवाल ही नहीं उठता है। तो मेरे ख्याल से अरमान वाले जन ही विकास की गति पर बैठकर इस जीवन का भरपूर आनंद लेते हैं। सारे सुख सुविधाओं से लैस होकर इस माया नगरी में अपने किरदार को बखूबी अंजाम देते हैं। अतः हम सभी को अपने अरमान को अवश्य ही पालना चाहिए। और उस अरमानानुकूल कार्य कर अपने अरमान को पूर्ण करना चाहिए। जीवन अरमानों के सागर में तैर कर और अधिक निखार के साथ गौरवानित होता है। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....