DINESH KUMAR KEER 05 Feb 2024 शायरी समाजिक 7948 0 Hindi :: हिंदी
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिंदगी, पर चुप इसलिए हूं कि; जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता...
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