Raj Ashok 28 Apr 2023 शायरी समाजिक शौकबंद 18326 0 Hindi :: हिंदी
मै हिसाब नहीं रखना । कभी अपनी, वादिल मस्ती यों का हर लम्हा तो मुझे जीना है । यहाँ शौकबदं गूमानी मे , फिक्र मुझे क्यों ? फिक्र तो वो करे जिन्हें अपने कल का कुछ पता हो
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Jai jai ho...