Sanam kumari Shivani 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत 5972 0 Hindi :: हिंदी
* जिसके होने से में ख़ुद को मुक्कमल मानती हूं में खुदा से पहले अपनी मां को जानती हूं। * मुझे माफ़ कर मेरे यां खुदा झुक कर करू तेरा सजदा तुझसे भी पहले मां मेरे लिए ना कर कभी मुझे मां से जुदा। * चलती फिरती आंखों से अजा देखी है मैंने जन्नत तो नही देखी लेकिन मां देखी है। * रब से करु दुआ बार बार हर जन्म मिले मुझे मां का प्यार खुदा कबूल करे मेरी मन्नत फिर से देना मुझे मां के आंचल का जन्नत * तन्हाई क्या होती हैं मां से पूछो जिसका बेटा घर लौट कर नहीं आया *. जो शिक्षा का ज्ञान दे उसे शिक्षक कहते हैं और जो खुशियों का वरदान दे उसे मां कहते हैं। * जो सब पर कृपा करें उसे ईश्वर कहते हैं जो ईश्वर को भी जन्म दे उसे मां कहते हैं। * मां तेरे दूध का हक मुझसे अदा कैसे होगा तू हे नाराज़ तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा *। मां के अजमत से अच्छा जाम क्या होगा मां के खिदमत से अच्छा मुकाम क्या होगा खुदा ने रख दी हो जिसके कदमों में जन्नत, सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा * तर्क को परजीत कर भी दू महसूस होने का क्या करु में तो नकाब को नज़रअंदाज कर भी दू पर तूफान का क्या करु। By -- नाम सनम कुमारी शिवानी