Phool Jahan 30 Mar 2023 शायरी समाजिक 38910 0 Hindi :: हिंदी
जिंदगी है कोई मागा हुआ अखबार नही जाइये और कही यहाँ कोई बाज़ार नही इंतिहा देते हुऐ उम्र बीत गई आधी फिर भी नाकामियो का कोई बफादार नही लोग बेच देते है ईमान चंद सिक्कों के लिए जाईये और कही यहाँ आपका कोई खरीदार नही