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मकर संक्रांति का क्या महत्व है-भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार

DINESH KUMAR SARSHIHA 14 Jan 2024 आलेख धार्मिक मकर संक्रांति 1701 0 Hindi :: हिंदी

मकर संक्रांति, भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार हिन्दू कैलेंडर में मकर राशि के सूर्य के साथ सम्बन्धित है और यह हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसे 'मकर संक्रांति' के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है 'मकर राशि में समाप्ति'। यह त्योहार जनवरी के मध्य या फरवरी की शुरुआत में मनाया जाता है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है।

मकर संक्रांति का महत्व विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न हो सकता है, लेकिन कुछ सामान्य आधारभूत कारण हैं:

सूर्य का उत्तरायण: मकर संक्रांति का दिन है जब सूर्य उत्तरायण की दिशा में बढ़ता है, जिससे दिन का समय बढ़ता है और रात का समय कम होता है। यह एक नए और शुभारंभ का संकेत होता है, और लोग इसे सूर्य के उत्तरायण का समय मानते हैं।

धार्मिक महत्व: हिन्दू धर्म में, सूर्य को देवता माना जाता है जो सृष्टि का स्रष्टा है और सभी जीवन को प्रकाश प्रदान करता है। मकर संक्रांति पर, लोग सूर्य देवता की पूजा करते हैं और उनके लिए विशेष रूप से बनाए गए भोजन को प्रसाद के रूप में बाँटते हैं।

आर्थिक महत्व: मकर संक्रांति का दिन विशेष रूप से कुंभ मेला के रूप में मनाया जाता है, जिसमें लाखों लोग गंगा नदी में स्नान करने के लिए एकत्र होते हैं। इसमें आर्थिक और धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण अंश होते हैं, और यह त्योहार व्यापार और विविधता को बढ़ावा देने में मदद करता है।

सांस्कृतिक महत्व: अनेक स्थानों पर, लोग मकर संक्रांति पर परंपरागत गाने, नृत्य, और पूर्वाग्रहों के माध्यम से आपसी मिलन का आनंद लेते हैं। इसे भारतीय सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा माना जाता है।

इस प्रकार, मकर संक्रांति एक सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भारतीय समाज में बहुत बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

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