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बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका -चाहत की हमारी वह तलब गार हो गए

Phool Jahan 07 Oct 2023 शायरी प्यार-महोब्बत 12958 0 Hindi :: हिंदी

बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका
चाहत की हमारी वह तलब गार हो गए।।
जीना था जिन्हें बिन नाम मोहब्बत के
वो खुद्दार भी इश्क के बीमार हो गए।।

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