संदीप कुमार सिंह 26 May 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है।जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6036 0 Hindi :: हिंदी
जिसकी जैसी भावना,दे निराश को आस। दग्ध हृदय को दे सके,एक सुखद अहसास।। जिसकी जैसी भावना,वैसा रहे प्रभाव। नूतन उम्दा काम कर,कुछ तो हो बदलाव।। किसकी जैसी भावना,वैसी रहती शक्ल। उत्तम रखते चेत जो,सदा बढ़े तब अक्ल।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....