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तेरे सहारे-महक के गुल खिले

Raj Ashok 27 Jan 2024 गीत प्यार-महोब्बत सावन 7235 0 Hindi :: हिंदी

कितना  सुन्दर है । ये लम्हाँ 
सासों मे मेरी ,महक के गुल खिले
      तेरी बाहों मे कितने साँवन चले ।
      मुहोबत की रोहो मे दिवान जले। 
      तेरी..........। 
पास बैठा कर, तेरी सुरत पे मयूर पंख लखे
बना के तुझे अपनी साखी 
               तेरे सहारे चले। ।
कितना......   
सासों.......
       जमाने कि बातो से यू भटक के
       नजरे  क्यों ,तुम से हटा ले
                 जब जिन्दगी ही हो तुम 
कितना.....
सासों......

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