DINESH KUMAR SARSHIHA 30 Mar 2023 आलेख अन्य #environment 10924 0 Hindi :: हिंदी
भारतीय संस्कृति वन या अरण्य संस्कृति कहलाती है।हमारे पूर्वज ने पृथ्वी को माता माना है।यही कारण था कि हमारी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति ने प्रकृति के किसी भी क्रियाकलाप में अधिक हस्तक्षेप नहीं किया।पर्यावरण एक विशालार्थी शब्द है।संस्कृत में परि धातु से बने पर्यावरण की परिभाषा कुछ इस तरह है -परिन:+आवरणम=पर्यावरणम। अर्थात हमारे चारों ओर छाए वातावरण को पर्यावरण कहते हैं।इस पर्यावरण का निर्माण निम्न घटकों से होता है..जैसे:जैविक पदार्थ,अजैविक पदार्थ,पेड़-पौधे,किट-पतंगे,कीटाणु,सूक्ष्मजीव,मनुष्य जाति,खेत-खलिहान,वाटिकाएँ,पर्वत,नदी नाले,समुद्र।वेदों ने मानव जीवन के समग्र पहलुओं पर प्रकाश डाला है।चाहे वो आध्यात्मिक विषय हो या फिर भौतिक जीवन।वैदिक काल से ही हमारे पूर्वजों के समस्त क्रियाकलाप पर्यावरण के संरक्षण हेतु ही हुआ करते थे।जैसे यज्ञ काआयोजन,वृक्षारोपण, फुलपत्ते,पशु पक्षियों से स्नेहिल व्यवहार, नदियों,पर्वतों,वृक्षों एवं पशुओं का पूजन, नदी,झरने,तालाब,आदि को स्वच्छ रखना।यह सर्वविदित है कि पांच महाभूतों पृथ्वी, आकाश,अग्नि,जल,वायु में निहित गुण ही तो मानव जीवन की संरचना करते हैं और अंत मे अपने को आत्मसात भी कर लेते हैं।
I am fond of writing Poetry and Articles.I enjoy writing about culture,social and divine subjects.S...