Jyoti yadav 01 Nov 2023 गीत प्यार-महोब्बत खुबसूरती मेरे मां की 10456 0 Hindi :: हिंदी
खुबसुरती की सारी हदें पार मैंने देखीं जब मुस्कुराती हुई मां मैंने देखी देख चेहरे की रौनक उनकी रौशनी सुरज की भी शरमाने लगी तस्वीर उनकी नजरों से उतरकर रूह तक आने लगी जब उन्होंने मेंहदी हाथों में रचाई तो उनके खुशबू से उपवन भी हरसाने लगे अपने फूलो से गजरा उनका सजाने लगे ओढ़े चुनर लाल जब वो छत पर आई तो बजने लगे छम छम घुंघरू पायल के वो चांद आजा तू बादल के थोड़ा इतराया मां को रिझाया नखरे दिखा के छत पर आया देख उनके माथे का टिका खुबसूरत चांद भी लगा फिका खुबसूरती मेरे मां की मांगा वो अपनी मन्नत में जब लगाई हमको गले से जैसे पहूंच गई मैं जन्नत में जन्नत को करीब से एक बार मैंने देखी जब मुस्कुराती हुई मां मैंने देखी ज्योति यादव के कलम से ✍️ कोटिसा विक्रमपुर सैदपुर गाजीपुर 🙏