नमस्कार साथियों,
पिछले सप्ताह आप सभी ने मिलकर अपना ऑनलाइन कवि सम्मेलन सफल बनाया , उसके लिए साहित्य लाइव परिवार आप अभी का तह दिल से आभारी है | आपके उत्साह और सहयोग को देखकर साहित्य लाइव प्र्त्येक सप्ताह रविवार के दिन 12 बजे ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन करेगा|
इस कवि सम्मेलन में भाग लेने के लिए आपको निम्न शर्ते लागू करनी है :-
- आपको बोलने के लिए सीमित समय दिया जायेगा , इसलिए आप कम से कम शब्दों में अपने विचारो को अधिक से अधिक अभिव्यक्त करे |
- आप अपनी बारी आने तक का इंतजार करे , हर एक रचियता को बोलने का अवसर दिया जायेगा |
- आपको बोलने के लिए कोई विशेष शीर्षक नहीं दिया जायेगा , लेकिन आपकी रचना शुद्ध एव सही होनी चाहिए |
- आप किसी विशेष धर्म ,जाति,लिंग पर कटाक्ष नहीं कर सकते |
इस कवि सम्मेलन में भाग लेने के यहाँ रजिस्टर करे :-
ऑनलाइन कवि सम्मेलन की शुभारंभ से एक घंटा पहले आप सभी रचियताओं को ईमेल पर लिंक के माध्यम से सूचित किया जायेगा और ठीक बारह बजे कवि सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा |
▪ लेखक व उसके विचारों के साथ वीडियो तैयार किया जाएगा, वीडियो YouTube पर दिखाया जाएगा|
धन्यवाद!
साहित्य लाइव परिवार
Very Nice your poem.
।।मां तेरी ममता।।
जीवन की डोर मां से बंध जाती है।
मां तेरी ममता नींव की पत्थर
देख कर हर पल मुस्कराती है
जीवन की डोर मां से बंध जाती है।
मेरी पहली सांस है मेरी मां।
मेरे जीवन की आस है मेरी मां।
सारे दुखों की जन्नत कहलाती है, जीवन की डोर मां से बंध जाती है।
जग में ईश कहलाती है मां।
धरा की शीश कहलाती है मां
प्रेम की जननी सी न्यारी है,
जीवन की डोर मां से बंध जाती है।
सांसों का जन्मों से नाता मां का।
स्वर्ग का दूसरा नाम है मां का,
जीवन की गूगल कहलाती है,
जीवन की डोर मां से बंध जाती है।
सबसे प्यारी मां होती सबकी।
गोद में बैठा कर बातें करती,
हर गलती को माफ कर जाती है,
जीवन की डोर मां से बंध जाती है।
दिनेश मैन्दोली