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अश्क छुपाए बैठे हैं

अशोक दीप 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत Love poetry, love song, love sayari, prem geet, poetry for girl friend, premika ke liy sayari 38953 0 Hindi :: हिंदी

एक मुक्तक

अपने  ही  हाथों  से अपना, जिगर जलाए बैठे हैं ।
खुशबू  की चाहत  में गुल से, धोखा खाए बैठे हैं ।
देख रहे हो जिन आँखों में,सपनों की तहरीरों को-
तुम क्या जानो उनमें कितने,अश्क छुपाए बैठे हैं।।

अशोक दीप
जयपुर

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