Samir Lande 30 Mar 2023 शायरी अन्य समीर लांडे , खाँमीयाँ ! 86995 0 Hindi :: हिंदी
झाँक रहे सब यहाँ वहाँ, जग में धूडें खाँमीयाँ ! खुदके भितर ना झाके कोई , ना समजे खुद की कमीयाँ! - समीर लांडे
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