Pradeep Kumar Maurya 30 Mar 2023 शायरी अन्य 62602 0 Hindi :: हिंदी
पत्थर को भी बोलने पर मजबूर कर दू, पेड़ को छू कर भी उसका दर्द दूर कर दू. ऐसा हुनर दिया है मेरे राम ने, कि घमण्डी को देखकर भी उसका घमण्ड चुर कर दू....!
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