Swami Ganganiya 27 Feb 2024 शायरी अन्य 2410 0 Hindi :: हिंदी
काश कहीं ऐसा होता। सोचा जो मैंने, काश कभी वह पूरा होता। हे जो आसमान में चमकता अधूरा चांँद काश वह चमकता पूरा होता। धरती से दूर है, जो लाखों तारे उन सब पर भी, हमारा आना जाना होता। हे स्थिर जो पेड़ पौधे एक स्थान से दूसरे स्थान पर, उनका भी आना-जाना होता। देखा जो ख्वाब हमने, काश कभी वह सच होता। हर रोज उदय होता है जो सूर्य, ना कभी वो अस्त होता। देखना होता अंधियारा खुली आँखों से कहीं दूर, दूसरे ग्रह पर हमें जाना होता। काश कहीं ऐसा होता सोचा जो मैंने, काश कभी वह पूरा होता।