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उस शाम में अलग ही बात थी

Preeti singh 13 May 2023 शायरी हास्य-व्यंग 7768 0 Hindi :: हिंदी

उस शाम में अलग ही बात थी ,हो रही हल्की सी बरसात थी, फिजाओं में अलग ही नमी थी वहां बस समोसे की कमी थी.

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