Poonam Mishra 17 Mar 2024 शायरी समाजिक यादों का सहारा 2945 0 Hindi :: हिंदी
सोची थी सुकून से जिंदगी गुजारूंगी तुम्हारी यादों के सहारे न कभी शिकायत करुंगी ना शिकवा करूंगी जिंदगी यूं ही गुजर जाएगी हमें क्या पता था जिंदगी के इस मोड़ पर इन यादों का सहारा भी मेरा ना होगा