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हम नहीं शायद रह पायें।

Samar Singh 05 May 2023 गीत दुःखद जब हम बाहर पढ़ने गए होते हैं, काफी सारे दोस्त भी बन जाते हैं। पढ़ाई खत्म हो जाने पर सब अपने- अपने घर को जाने के लिए तैयार होते हैं उस समय का माहौल गमगीन हो जाता है। 23256 0 Hindi :: हिंदी

जब होंगे दोस्त विदा, 
कहेंगे हमको अलविदा, 
किसपे होंगे फिदा, 
होके हम जुदा, 
आँखों में आँसू आयेंगे ऐ! खुदा, 
हम नहीं शायद रह पायें। 

छिड़ेगी एक जंग, 
गम चलेगा संग- संग, 
बदलेगा फिजा का रंग, 
मन में जो तरंग, 
थी बनके उमंग, 
बदल जायेंगे उसके ढंग, 
हम नहीं शायद रह पायें। 

करेंगे फरियाद, 
लेके तेरी याद, 
आज के बाद, 
रहना तू आबाद, 
चाहे हो जाए हम बरबाद, 
तुमसे होके आजाद, 
हम नहीं शायद रह पायें। 

मेरे यार, 
हो जा तैयार, 
एक बार, 
करने को नमस्कार, 
जीत के गया कैसे हार, 
हम नहीं शायद रह पायें। 

चलेगी जब तक साँस, 
मुझे रहेगा तेरा एहसास, 
मिलने की एक आस, 
न हो तुम निराश, 
तुम ही थे मेरे खास, 
आऊंगा एक दिन तेरे पास, 
जिंदगी जब नहीं आयेगी रास, 
हम नहीं शायद रह पायें। 

हर एक दिन, 
एक पल एक छिन, 
तेरे बिन,
हो गए गमगीन, 
दिन थे जो बड़े ही रंगीन, 
बीतेंगे गिन- गिन, 
दोस्ती करने का जुर्म किया ऐसा संगीन, 
हम नहीं शायद रह पायें। 

रचनाकार- समर सिंह " समीर G "

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