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हर रूप में दिव्य है नारी

Jitendra Sharma 05 Jun 2023 कविताएँ समाजिक तभी तो पूज्य है नारी।, नारी सम्मान, क्या नारी सम्मान करना चाहिये। नारी क्यों पूजनीय है। नारी किस रूप में पूजनीय है। Jitendra Sharma 22596 4 5 Hindi :: हिंदी

कविता- हर रूप में दिव्य है नारी!
शब्द रचना- जितेन्द्र शर्मा
छन्द- कुण्डलिया

                       (1)

नारि ज्योति का धाम है, जग अंधियारी रात।
पल-पल दृष्टि राखिए, दैत्य करे ना घात।।
दैत्य करे ना घात, उपाय कुछ ऐसा कीजै।
करे यदि कोई त्राण, टिकट नरक का दीजै।।
बेटी कुल का मान, सभी कुछ इस पर वारि।
परम गुणों की खान, तभी तो पूज्य है नारि ‌‌।।

                         (2)

नारि जननी नारि पत्नी, बहन अरु बेटी नार।
हर रूप  में  दिव्य है, वेद बतायें  चार।।
वेद बतायें चार, नारी का गुणगान करें।
दूषित न हो पाये, इसका भी हम ध्यान करें।।
सूना है घर-आंगन, यदि ना हो गुड़िया प्यारि।
परम गुणों की खान, तभी तो पूज्य है नारि।।

                           (3)

नारि दुर्गा वैश्नवी, सरस्वती है नार।
अभिशप्त वह जीव है, पाये न इसका प्यार।।
पाये न इसका प्यार, अधूरा जीवन पाये।
कर नारी अपमान, जगत में नीच कहाये।।
कहे जीतु कविराय, नारी संग परम सुखारि।
परम गुणों की खान, तभी तो पूज्य है नारि।।

संकेत- उपरोक्त छन्दों में नारी के स्थान पर नारि व नार शब्दों का उपयोग गुरू, लघु पदों के प्रतिबन्ध के कारण काव्य सौंदर्य के दृष्टिगत किया गया है।
जितेन्द्र शर्मा-9719663440

Comments & Reviews

Jitendra Sharma
Jitendra Sharma सुन्दर कविता।

10 months ago

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Jitendra Sharma
Jitendra Sharma सुन्दर शब्दों से सजाया गया सत्य।

10 months ago

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Sahity Live
Sahity Live 😊👌👌

10 months ago

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