Yogesh Yadav 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 84333 0 Hindi :: हिंदी
मौत के आड़े आते नहीं नाम, गौत, परिवार जीवन की अंतिम यात्रा काफी है कंधे चार नाम, रिश्ते और मोह-माया जीते-जी था जो कमाया वो सब पीछे ही छूट गया कुछ साथ ले जा नहीं पाया जिसपर इतना घमंड था वो शरीर भी हो गया राख पल भर में बंदा चला गया रहे पीछे कर्म और साख और कुछ नहीं जायदाद उसकी बस जाती जाएगी याद उसकी कुछ साल में सब भूल जांएगे बस इतनी ही है औकात उसकी