संदीप कुमार सिंह 25 Apr 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 9006 0 Hindi :: हिंदी
एलियंस हो अगर कहीं तो भी भला, नहीं हो कहीं तो भी| भला। एलियंस आज भी रहस्यमय ही है, होता है या नहीं। मनुष्य मानव से महामानव, बनने की तैयारी में हैं। अब कलपना में तो पर ग्रह पर, अपने जैसे मानव जाती ही हों। तो हम मानवों के लिए अच्छा है, भूमि के नीचे भी एलियंस हो सकते हैं। यह बहुत दिलचस्प रहेगा की, किसी अन्य ग्रह पर मानव जीवन हों। और वो धरती के मानवों से, काफी विकसित हों। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....