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पिता

कुमार किशन कीर्ति 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य पिता,मान-सम्मान, अभिमान, देवतुल्य 7962 0 Hindi :: हिंदी

पिता मान है,
पिता सम्मान है।
पिता ही मेरे अभिमान है।
मैं जिनकी पूजा करूँ
वह पिता देवतुल्य समान है।
पिता धर्म है,
पिता ज्ञान है।
जिनकी श्री चरणों मे मैं शीश नवाऊँ
पथप्रदर्शक समान है।
पिता धूप है,
पिता ही छांव है।
पिता ही चन्द्र और 
पिता ही सूर्य समान है।

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