Rupesh Singh Lostom 07 Sep 2023 शायरी अन्य अब क्या करे 8711 0 Hindi :: हिंदी
अब क्या करे आज तो अजब हो गया सच कहु तो गज़ब हो गया आज यार के मुखड़े का दीदार हो गया सच कहु तो मुझे मुझसे ही प्यार हो गया मुखड़ा उसका चंदा का टुकड़ा नैन बरछी तीर कटार जुल्फे उसकी घनघोर घटा सा दिल को करे लहू लुहान सुरतिया उसकी मन मोहनी कैसे वाचू उस से यार हमको इश्क़ हैं तो हैं अब क्या करे वो रूठती हैं तो रूत जाये अब क्या करे उसे मना लेंगे मान जाएगी नहीं मानी तो सपनो में भगा ले जायेंगे अगर नहीं भागी तो कुछ दे के फुसला ले जायेंगे फिर भी न मानी तो न माने अब क्या करे पर वो मान जाएगी बेसक रूठ जाती हैं बात बात पे लेकिन वो मान जाएगी थोड़ी सी अगडेलु और थोड़ी सी ही झगडेलु पर सच कहु तो अपनी हैं और अपनी हैं यैयारी