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Rupesh Singh Lostom

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My Articles

बांध सके कोई तो हो जो रिश्तों में बांध सके झूठा ही सही अपना मान सके दिल का खत्ता भी क्या था जो वो रुठ गए प्यार कोई गुनाह तो नहीं जो वो � read more >>
सजने बाले महफ़िल में सजने बाले आज महफ़िल सजाते हैं बाजार में बे मोल चीज आज बिक जाते हैं गुलाब कहा आज गुलशन में खिल पता हैं आज तो गुलाब ह read more >>
इश्क़ क्या हुआ तुम से इश्क़ क्या हुआ हर चीज पुराना लगता चाँद तारे और ये रुत हर हुस्न बचकाना लगता तुझे पा कर पा लिया जीवन के अमोल सित� read more >>
तू नदिया होती तो तू नदिया होती तो मैं नाविक बन जानता दोनों तैरते साथ साथ कही किनारा मिल ही जाता आशमा अपना धरती अपनी अपना ही होता द� read more >>
अब क्या करे आज तो अजब हो गया सच कहु तो गज़ब हो गया आज यार के मुखड़े का दीदार हो गया सच कहु तो मुझे मुझसे ही प्यार हो गया मुखड़ा उसका चं read more >>
जी लेना तुम लोग मिलते हैं बिछड़ जाते हैं पर उन खट्टी मीठी यादों को संजोय लेना तुम लोग अक्सर भूल जाते हैं मगर उस लम्हों को जी भर के जी read more >>
सपने धूमिल हैं सपने धूमिल हैं तो क्या हुआ कभी तो सच्चे होंगे अभी वक्त बुरा हैं तो क्या हुआ कभी तो अच्छे भी होंगे आज खून भी पसीना बनक� read more >>
आओ चलो मिल के करे नमन उन्हें जो वीर थे रणधीर थे माँ के दुलारे धरनी के लाल थे जिन्हे हम भूल गए धरती माँ के सिंगार थे आओ चले लहुं लुहा� read more >>
वो रुत बन के आई रुत सी ही चली गई न फुहार बन बरसी बिन गरजे चली गई मैं सोचता ही रहा वो सैलाव बन के वरपेगी और मुझे अपने साथ अपने आगोश में read more >>
एक दिन सूर्य निकलेगा अपने लिए भी सुबह की किरणे बिखेरेगा अपने लिए भी अंधकार भरा बादल एक दिन छट जायेगा एक दिन आशमान बरसेगा अपने लिए भी read more >>
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