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Rupesh Singh Lostom

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सजने बाले महफ़िल में सजने बाले आज महफ़िल सजाते हैं बाजार में बे मोल चीज आज बिक जाते हैं गुलाब कहा आज गुलशन में खिल पता हैं आज तो गुलाब ह read more >>
अब क्या करे आज तो अजब हो गया सच कहु तो गज़ब हो गया आज यार के मुखड़े का दीदार हो गया सच कहु तो मुझे मुझसे ही प्यार हो गया मुखड़ा उसका चं read more >>
जी लेना तुम लोग मिलते हैं बिछड़ जाते हैं पर उन खट्टी मीठी यादों को संजोय लेना तुम लोग अक्सर भूल जाते हैं मगर उस लम्हों को जी भर के जी read more >>
वो रुत बन के आई रुत सी ही चली गई न फुहार बन बरसी बिन गरजे चली गई मैं सोचता ही रहा वो सैलाव बन के वरपेगी और मुझे अपने साथ अपने आगोश में read more >>
एक दिन सूर्य निकलेगा अपने लिए भी सुबह की किरणे बिखेरेगा अपने लिए भी अंधकार भरा बादल एक दिन छट जायेगा एक दिन आशमान बरसेगा अपने लिए भी read more >>
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