धर्मपाल सावनेर 30 Mar 2023 शायरी दुःखद दर्द # भरी# शायरी # धरम# सिंग#राजपूत 8456 0 Hindi :: हिंदी
तमाम उम्र दिल ने दिलाशा रख्खा इतना किसी पे भरोशा रख्खा ।। टूट कर भी वो ख्वाबों मे यू है सजदा किया उसे खुदा सा रख्खा ।। रुसवा ना करे जहां वाले उसे खुद से उसे जुदा सा रख्खा ।। धरम सिंग राजपूत 8109708044