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धरती ने धारण किए

संदीप कुमार सिंह 06 May 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4993 0 Hindi :: हिंदी

धरती ने धारण किए,ममता का अति रूप।
सब कुछ को सहती रहे,बच्चे इनके भूप।।

धरती ने धारण किए, सदा सकल संसार।
रहते सब करके मजे, आपस में है प्यार।।

धरती ने धारण किए, हीरा पन्ना रत्न।
सर्व खनिज से पूर्ण हैं,पाने को कर यत्न।।

धरती ने धारण किए,सर्व जीव को साथ।
वनस्पतियां मिसाल है,रखती सिर पर हाथ।।

धरती ने धारण किए, बुरा भला सब राज।
सरल मधुर इतिहास है,पढ़ते हैं सब आज।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
बिहार

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