Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

सज धज कर राधा चली

संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक लोगों के लिए प्रेरणा से भरपूर मेरी कविता जिसका शीर्षक ऊपर दिया हुआ है। 87553 0 Hindi :: हिंदी

सज धज कर राधा चली, कृष्ण मिलन की प्यास।
लगती सुन्दर गजब की, उनसे ही है आस।।

सज धज कर राधा चली,यमुना तरनी  पास।
रखी बसा मन श्याम को, मुरली की धुन खास।।

सज धज कर राधा चली, वृंदा वन में रास।
सखियां सब हैं साथ में,करे सभी परिहास।।

सज धज कर राधा चली,लिए दिव्य मुस्कान।
नयनों में काजल लगी, गोपी की हैं शान।।

सज धज कर राधा चली,प्रीतम मिलने आज।
सभी गोप के मुख्य जो,गिरधर हैं सरताज।।
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: